ब्रेकिंग न्यूज़। भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा ने देर शाम राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार लिए महिला प्रत्याशी की घोषणा की है। भाजपा की ओर से श्रीमती द्रोपदी मुर्मू देश की अगली राष्ट्रपति होंगी।
उड़ीसा राज्य से राष्ट्रपति उम्मीदवार श्रीमती द्रोपदी मुर्मू उड़ीसा से दो बार की विधायक मंत्री भी रह चुकी हूं। आदिवासी वह महिला के चेहरे के रूप में भाजपा ने उनकी घोषणा की है।
*झारखंड के राज्यपाल के रूप में खास रहा कार्यकाल*
राज्यपाल के रूप में हमेशा आदिवासियों, बालिकाओं के हितों को लेकर सजग और तत्पर रहीं। आदिवासियों के हितों से जुड़े मुद्दों पर कई बार उन्होंने संज्ञान लेते हुए संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिए। झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बननेवाली द्रौपदी मुर्मू का छह साल एक माह अठारह दिनों का कार्यकाल विवादों से भी परे रहा। विश्वविद्यालयों की चांसलर के रूप में द्रौपदी मुर्मू ने अपने कार्यकाल के दौरान चांसलर पोर्टल पर सभी विश्वविद्यालयों के कॉलेजों के लिए एक साथ ऑनलाइन नामांकन शुरू कराया।
विश्वविद्यालयों में यह नया प्रयास था, जिसका लाभ विद्यार्थियों को मिला। उन्होंने कई विधेयकों को लौटाने का निर्णय भी लिया। भाजपा की ही पिछली सरकार में सीएनटी-एसपीटी संशोधन विधेयक सहित कई विधेयकों को सरकार को वापस लौटाने का कड़ा कदम भी उठाया। वर्तमान सरकार में भी उन्होंने कई आपत्तियों के साथ जनजातीय परामर्शदातृ समिति के गठन से संबंधित फाइल लौटाई।
खूंटी में पत्थलगड़ी की समस्या के समाधान को लेकर वहां के परंपरागत ग्राम सभाओं, मानकी, मुंडा व अन्य प्रतिनिधियों को बुलाकर उनके साथ रायशुमारी भी उनकी अच्छी पहल मानी जाती है। बालिकाओं की शिक्षा को लेकर चिंता दिखानेवाली द्रौपदी मुर्मू ने कई कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों का भी भ्रमण किया। इस दौरान छात्राओं से रूबरू होते हुए उनकी समस्याओं को जानने का प्रयास किया। बाद में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग को आवश्यक निर्देश देते हुए उनकी समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया।
*अपनी सादगी और शाकाहार के लिए जानी जाती हैं*
द्रौपदी मुर्मू अपनी सादगी के लिए जानी जाती हैं। राजभवन में रहते हुए भी उनकी सादगी की हमेशा चर्चा होती रही। वे खुद शाकाहारी हैं। उन्होंने पूरे राजभवन परिसर में मांसाहार पर रोक लगाई। राज्यपाल के रूप में मुर्मू प्रतिदिन विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों तथा किसी समस्या लेकर आनेवाले लोगों से मुलाकात करती थीं।
एनडीए से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू 20 जून 1958 को ओडिशा में एक आदिवासी परिवार में पैदा हुईं थीं। उन्होंने रामा देवी विमेंस कॉलेज से स्नातक किया था। इसके बाद द्रौपदी ने ओडिशा के राज्य सचिवालय में नौकरी की शुरुआत की। उनका विवाह श्याम चरण मुर्मू के साथ हुआ था।
1997 में शुरू हुआ राजनीतिक जीवन -
1997 में वे पहली बार नगर पंचायत का चुनाव जीत कर पहली बार स्थानीय पार्षद (लोकल कौंसिलर) बनी। वह ऐसे राज्य से ताल्लुक रखती हैं, जहां 2014 की मोदी लहर में भाजपा का महज एक सीट पर खाता खुल पाया था। राज्य में लोकसभा की 21 सीटें हैं। 2014 में 20 सीटें बीजद ने जीती थीं।
अगर वें जीतती हैं तो 25 जुलाई को शपथ ग्रहण करेंगी। उस दिन उनकी उम्र 64 साल 35 दिन होगी। फिलहाल सबसे युवा राष्ट्रपति बनने का रिकॉर्ड नीलम संजीव रेड्डी के पास है। रेड्डी जब राष्ट्रपति बने थे उस वक्त उनकी उम्र 64 साल दो महीने 6 दिन थी। मुर्मू जीतीं तो देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी। प्रतिभा देवी सिंह पाटिल देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनी थीं।
वहीं, विपक्ष ने यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया है।
सम्पादन:-राजीव लखेड़ा
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